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बड़ी बीमा कंपनी LIC संसद में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद समग्र यानी कम्पोजिट लाइसेंस पर विचार कर सकती है। 

Aajtakkhabar:

विधेयक के अनुसार एक आवेदक किसी भी श्रेणी या प्रकार के बीमा व्यवसाय के एक या एक से अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है।

कम्पोजिट लाइसेंस बीमाकर्ताओं को एक ही इकाई के माध्यम से सामान्य और स्वास्थ्य बीमा, दोनों प्रदान कराने की अनुमति देगा। हालांकि पुनर्बीमा में लगी कंपनियां बीमा व्यवसाय के किसी अन्य वर्ग में अपना रिजस्ट्रेशन नहीं करा सकतीं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है

एलआईसी जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 को ध्यान में रखते हुए समग्र लाइसेंस और विधेयक के पारित होने से उत्पन्न होने वाले अन्य मुद्दों पर व्यापक तरीके से विचार करेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीमा अधिनियम 1938 और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में प्रस्तावित संशोधनों के साथ विधेयक को अगले महीने से शुरू होने वाले आगामी बजट सत्र में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।

अगर कंपोजिट इंश्योरेंस रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव पास हो जाता है तो इन कंपनियों के लिए सॉल्वेंसी मार्जिन और कैपिटल रिक्वायरमेंट में बदलाव होगा।

बीमा कानून में प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसीधारकों के हितों को बढ़ावा देने, पॉलिसीधारकों को रिटर्न में सुधार लाने, बीमा बाजार में अधिक खिलाड़ियों के प्रवेश को सुगम बनाने, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और बीमा उद्योग की दक्षता बढ़ाने पर विचार करेगा।

अगर कंपोजिट इंश्योरेंस रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव पास हो जाता है तो इन कंपनियों के लिए सॉल्वेंसी मार्जिन और कैपिटल रिक्वायरमेंट में बदलाव होगा। प्रस्तावित संशोधन में कहा गया है कि संचालन के आकार और पैमाने, बीमा व्यवसाय के वर्ग या उप-वर्ग और बीमाकर्ता की श्रेणी या प्रकार को ध्यान में रखते हुए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा न्यूनतम चुकता पूंजी निर्धारित की जानी चाहिए। मौजूदा कानून के मुताबिक मौजूदा सॉल्वेंसी रेशियो 150 फीसदी है, जबकि पेड अप कैपिटल 100 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बीमा सेक्टर का विस्तार करने, दक्षता में सुधार करने और नए-नए उत्पाद पेश करने के लिए न्यूनतम पूंजी की सीमा में कमी सहित बीमा कानून में कई बदलावों की पेशकश की है।

बीमा सेक्टर की तस्वीर

2021-22 के दौरान भारत में बीमा की पहुंच 4.2 प्रतिशत थी। एक साल पहले भी यह लगभग इतना ही था, हालंकि भारत में बीमा घनत्व 2020-21 में 78 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 91 अमेरिकी डॉलर हो गया। बीमा सघनता के स्तर में वर्ष 2010-11 में 2001-02 में 11.5 अमेरिकी डॉलर से लगातार 64.4 अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्तमान में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 31 गैर-जीवन या सामान्य बीमा कंपनियां हैं, जिनमें कृषि बीमा कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड और ईसीजीसी लिमिटेड कंपनियां भी हैं। 2015 में विदेशी निवेश कैप को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन किया गया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Edited By:Sachin Lahudkar

फ्रेंचाइजी लेकर आप भी दे सकते हैं डाकघर की सेवाएं

Aajtakkhabar:देश के करोड़ों लोग बचत करने के लिए पोस्ट ऑफिस पर भरोसा करते हैं। पोस्ट ऑफिस का नेटवर्क भी पूरे देशभर में फैला हुआ है, लेकिन अभी भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां कनेक्टिविटी उतनी अच्छी नहीं है। अपने नेटवर्क में विस्तार के लिए इंडियन पोस्ट ने कुछ समय पहले फ्रेंचाइजी सर्विस लॉन्च की थी।

इसके बाद आप आसानी से पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी ले सकते हैं। इसके जरिए आप भी अपने इलाके में पोस्ट ऑफिस वाली सुविधाएं मुहैया करा सकते हैं। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में…

फ्रेंचाइजी स्कीम

पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट के अनुसार, दो प्रकार की पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी होती हैं। पहला आउटलेट फ्रेंचाइजी और फ्रेंचाइजी पोस्टल एजेंट्स। आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी फ्रेंचाइजी प्लान चुन सकते हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन करने वाले व्यक्ति का कोई भी परिवारजन पोस्ट डिपार्टमेंट मे कर्मचारी नहीं होना चाहिए। वहीं, किसी सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं पास होना चाहिए।

 फ्रेंचाइजी की लागत

आउटलेट फ्रेंचाइजी, पोस्टल एजेंट्स की तुलना की में काफी किफायती होते हैं, क्योंकि इसमें केवल सर्विसिंग का कार्य होता है। स्टेशनरी पर खर्च होने की वजह से पोस्टल एजेंट्स थोड़ा महंगा होता है। पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी के लिए कम से कम 200 स्क्वायर फीट का ऑफिस जगह होनी चाहिए। इसके अलावा 5000 रुपये का सिक्योरिटी अमांउट होना चाहिए। इसे जमा करने के बाद आपकी फ्रेंचाइजी खोलने के लिए अनुमति मिल जाएगी।

 फ्रेंचाइजी खोलने की कमाई

फ्रेंचाइजी खोलने के बाद आप डाक टिकट, स्पीड पोस्ट, मनी ऑर्डर आदि कई तरह की सर्विस देकर कमाई कर सकते हैं। एक डाक पोस्ट की बुकिंग पर आपको 3 रुपये, स्पीड पोस्ट पर 5 रुपये, पोस्टेज स्टांप और स्टेशनरी की बिक्री पर आपको 5 प्रतिशत कमीशन मिलता है।

Edited By: Sachin Lahudkar

सरकार ने पिग आयरन और स्टील उत्पादों के साथ-साथ लौह अयस्क पेलेट्स पर निर्यात शुल्क शून्य करने का फैसला किया है।

Aajtakkhabar:वित्त मंत्रालय की जारी किए नोटिफिकेशन के मुताबिक, सरकार ने पिग आयरन और स्टील उत्पादों के साथ-साथ लौह अयस्क पेलेट्स पर निर्यात शुल्क शून्य करने का फैसला किया है। इसके साथ ही 58 प्रतिशत से कम लौह वाले लौह अयस्क लम्प्स और फाइन्स पर भी निर्यात शुल्क शून्य किया गया है। वहीं, 58 प्रतिशत से अधिक लौह वाले लौह अयस्क लम्प्स और फाइन्स पर अब निर्यात शुल्क 30 प्रतिशत कर दिया गया है।

सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार,

सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, स्टील इंडस्ट्री में कच्चे माल के रूप में उपयोग होने वाले एन्थ्रेसाइट/पीसीआई, कोकिंग कोल और फेरोनिकेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 2.50 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि कोक और सेमी-कोक के लिए इसे बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले शून्य था।

बता दें, इस हफ्ते की शुरुआत में स्टील मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। इस बैठक में राजस्व विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा भी कई अधिकारियों के साथ मौजूद थे।

निर्यात शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया था।

केंद्र सरकार की ओर से इस साल मई में देश में लौह की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया था। उस समय सरकार के द्वारा पिग आयरन और स्टील प्रोडक्ट्स ओर निर्यात शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया था।

Online

इंडियन स्टील एसोसिएशन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा लौह और स्टील उत्पादों पर शुल्क हटाने के फैसले के हम आभारी हैं और यह व्यापार संतुलन को सही करने में काफी मदद करेगा।

Edited By: Sachin Lahudkar

ऐप ब्लाइंड की ओर से किए गए एक सर्वे में बताया गया है कि 42 प्रतिशत कर्मचारी ट्विटर को छोड़ना चाहते हैं। 

Aajtakkhabar:समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक,एलन मस्क,116 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के आने से उनके हौसले बुलंद हैं। उनकी ट्विटर पोस्ट आमतौर पर आलोचकों की बातों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुरूप नहीं होतीं। इन दिनों उनकी खूब आलोचना हो रही है, लेकिन दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति मस्क आलोचना से विचलित नहीं होते।

उधर ट्विटर से बड़ी संख्या में छंटनी के बाद अब बच गए कर्मचारियों ने कंपनी के नए बॉस एलन मस्क को शॉक देना शुरू किया है। जानकारी के अनुसार, मस्क के द्वारा कंपनी में काम करने के लिए बनाए गए सख्त नियमों से बाकी बचे कंपनी के कर्मचारी काफी नाखुश हैं और इस कारण सैकड़ों लोगों ने गुरुवार को कंपनी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

बता दें, ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद मस्क कंपनी के कर्मचारियों को लंबे समय तक काम करने या फिर कंपनी छोड़ने का निर्देश दिया था, जिसके बाद कई कर्मचारियों ने कंपनी को छोड़ना भी शुरू कर दिया है।

वर्कप्लेस ऐप ब्लाइंड की ओर से किए गए एक सर्वे में बताया गया है कि 42 प्रतिशत कर्मचारी ट्विटर को छोड़ना चाहते हैं। इस सर्वे में 180 ट्विटर कर्मचारियों ने भाग लिया था। इस सर्वे में चौकाने वाली बात यह थी कि केवल 7 प्रतिशत ही कर्मचारी ट्विटर में काम करना चाहते थे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मस्क ट्विटर में अब सीनियर कर्मचारियों को रोकने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं और उन्हें कंपनी में रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, सूत्रों के हवाले के जानकारी मिली है कि गुरुवार को जिन कर्मचारियों ने ट्विटर को छोड़ा उनमें बड़ी संख्या में इंजीनियर्स शामिल थे, जो कि ऐप के बग को ठीक करने आदि का काम करते थे।

बता दें, 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर के अधिग्रहण के बाद मस्क ने ट्विटर के आधे से अधिक करीब 4400 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है और काम करने की नियमों को भी काफी सख्त बना दिया है।[एजेंसी इनपुट के साथ]

Edited By:Sachin Lahudkar

SBI बैंक ने MLCR की दरों में बदलाव कर दिया है। इसके चलते अब एसबीआई के लोन महंगे हो जाएंगे। 

Aajtakkhabar:बिजनेस डेस्क,SBI बैंक ने एमसीएलआर की मार्जिनल लागत में 15 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिससे अधिकांश कर्जदारों के लिए लोन महंगे हो गए हैं। संशोधित दरें आज यानी 15 नवंबर, 2022 से लागू कर दी गई हैंl

एक साल का बेंचमार्क एमसीएलआर, जिसके आधार पर ज्यादातर होम, ऑटो और पर्सनल लोन की दरें तय की जाती हैं, को 10 बेसिस प्वाइंट (बीपीएस) बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह 7.95 फीसद था। इसी तरह, दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 10 आधार अंक बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत और 8.35 प्रतिशत कर दिया गया है। एसबीआई ने अपनी वेबसाइट इसकी जानकारी देते हुए एक अधिसूचना भी जारी किया है।

एक महीने और तीन महीने के एमसीएलआर को 15 आधार अंक बढ़ाकर 7.75 प्रतिशत कर दिया गया है। छह महीने की एमसीएलआर में 15 आधार अंकों की वृद्धि के साथ दर को 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है। एसबीआई ने ओवरनाइट रेट में 10 आधार अंकों की वृद्धि कर दी है और ये 7.60 प्रतिशत हो गया है।

Edited By:Sachin Lahudkar