अर्थविश्व

Category: बिजनेस

SBI बैंक ने MLCR की दरों में बदलाव कर दिया है। इसके चलते अब एसबीआई के लोन महंगे हो जाएंगे। 

Aajtakkhabar:बिजनेस डेस्क,SBI बैंक ने एमसीएलआर की मार्जिनल लागत में 15 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिससे अधिकांश कर्जदारों के लिए लोन महंगे हो गए हैं। संशोधित दरें आज यानी 15 नवंबर, 2022 से लागू कर दी गई हैंl

एक साल का बेंचमार्क एमसीएलआर, जिसके आधार पर ज्यादातर होम, ऑटो और पर्सनल लोन की दरें तय की जाती हैं, को 10 बेसिस प्वाइंट (बीपीएस) बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह 7.95 फीसद था। इसी तरह, दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 10 आधार अंक बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत और 8.35 प्रतिशत कर दिया गया है। एसबीआई ने अपनी वेबसाइट इसकी जानकारी देते हुए एक अधिसूचना भी जारी किया है।

एक महीने और तीन महीने के एमसीएलआर को 15 आधार अंक बढ़ाकर 7.75 प्रतिशत कर दिया गया है। छह महीने की एमसीएलआर में 15 आधार अंकों की वृद्धि के साथ दर को 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है। एसबीआई ने ओवरनाइट रेट में 10 आधार अंकों की वृद्धि कर दी है और ये 7.60 प्रतिशत हो गया है।

Edited By:Sachin Lahudkar

RBI ने मंगलवार को देश की पहले डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। 

Aajtakkhabar:आरबीआई के मुताबिक नौ बैंकों को फिलहाल डिजिटल रुपये में ट्रांजैक्शन की इजाजत दी गई है। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं। आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा को व्यापक बनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सरकार को प्रस्ताव दिया था।

ई-रुपये का उपयोग करके पहले दिन 2.75 अरब रुपये के बांड में ट्रेडिंग की गई। पहले दिन पांच साल और 10 साल के बॉन्ड का कारोबार हुआ। केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को अपनी डिजिटल मुद्रा का पायलट कार्यक्रम शुरू किया, जिससे चुनिंदा बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक-बाजार लेनदेन के निपटान के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति मिली।

क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय डिजिटल मुद्रा के जरिए बैंकों ने पहले दिन 2.75 अरब रुपये (33.3 मिलियन डॉलर) के बॉन्ड का कारोबार किया। डिजिटल करेंसी में भाग लेने वाले बैंकों 2027 बॉन्ड में 1.4 अरब रुपये के 24 ट्रेड्स को अंजाम दिया। 2032 बॉन्ड में कुल 23 ट्रेड्स के जरिए 1.3 अरब रुपये का लेन-देन किया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि RBI 2022-23 में CBDC को लॉन्च करेगा। 

केंद्र सरकार की तरफ डिजिटल मुद्रा के लॉन्च पर पहला आधिकारिक बयान था। वित्त मंत्री ने कहा था कि CBDC की शुरूआत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगी।

डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास स्थलों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे मिली सीख और अनुभव के आधार पर इसका विस्तार करने की संभावना जताई गई है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये के प्रयोग से प्रतिभूति बाजार में इंटर बैंकिंग लेन-देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। दूसरे लेन-देन में भी थोक लेन-देन की तरह डिजिटल रुपये का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।

Edited By:Sachin Lahudkar

कायद्यात सुधारणेविरोधात याचिकांच्या एकत्रित सुनावणीस सर्वोच्च न्यायालयाचा नकार 

Aajtakkhabar:केंद्र सरकारने बँकिंग नियमन कायद्यात केलेल्या सुधारणांविरोधात देशभरात दाखल झालेल्या दाव्यांची एकत्रित सुनावणी घेण्याची रिझव्‍‌र्ह बँकेची मागणी सर्वोच्च न्यायालयाने फेटाळून लावली आहे. या संदर्भात देशातील विविध न्यायालयांत दाखल खटल्यांवर एकत्रित मद्रास उच्च न्यायालायत सुनावणी घेण्याचे आदेशही न्यायालयाने दिले आहेत.

पीएमसी बँकेतील घोटाळा उघडकीस आल्यानंतर देशभरात खळबळ उडाली होती. या घोटाळय़ाच्या पार्श्वभूमीवर ठेवीदारांच्या हिताचे रक्षण करण्याच्या उद्देशाने केंद्र सरकारने बँकिंग नियमन कायद्यात सुधारणा करण्याचा निर्णय घेतला. त्यानुसार सप्टेंबर २०२० मध्ये याबाबतचे सुधारणा विधेयक संसदेत संमत करण्यात आले. मात्र या कायद्याच्या माध्यमातून सरकारने सहकारी बँकांवर अन्यायकारक आणि कठोर निर्बंध लागू केल्याच्या तसेच या कायद्याचा आधार घेत रिझव्‍‌र्ह बँकेने सरकारी बँकांसाठी लागू केलेल्या विविध जाचक नियमांच्या विरोधात अनेक राज्यांतील सहकारी बँका आणि त्यांच्या संघटनांनी उच्च न्यायालयात जनहित याचिका दाखल केल्या आहेत. ‘महाराष्ट्र अर्बन को-ऑपरेटिव्ह बँक्स फेडरेशन’नेही या कायद्यातील सुधारणांविरोधात मुंबई उच्च न्यायालयात याचिका दाखल केली आहे.रिझव्‍‌र्ह बँकेने मात्र या सर्व याचिकांची वेगवेगळय़ा उच्च न्यायालयाऐवजी एकत्रित सर्वोच्च न्यायालयात सुनावणी घेण्याची विनंती याचिकेद्वारे केली होती. १४ ऑक्टोबरला न्यायमूर्ती धनंजय चंद्रचूड आणि हिमा कोहली यांच्या खंडपीठासमोर त्यांच्या या याचिकेची सुनावणी झाली. त्यावेळी आमच्या याचिकांवर आधी उच्च न्यायालयातच सुनावणी व्हावी अशी मागणी करीत याचिकाकर्त्यांनी रिझव्‍‌र्ह बँकेच्या याचिकेस विरोध केला. त्यानुसार या सर्व याचिकावर एकत्रित मद्रास उच्च न्यायालायत स्वतंत्र खंडपीठ स्थापन करून विविध राज्यांत दाखल झालेल्या २५ जनहित याचिकांवर एकत्रित सुनावणी घेण्याचे आदेश सर्वोच्च न्यायालयाने दिले आहेत. देशभरातील विविध न्यायालयांत दाखल याचिकांची एकत्रित सुनावणी होणार असल्याने या प्रकरणाला गती मिळेल आणि आम्हाला न्याय मिळेल, असे महाराष्ट्र अर्बन को-ऑपरेटिव्ह बँक्स फेडरेशनचे अध्यक्ष विद्याधर अनास्कर यांनी सांगितले.

Edited by:Sachin Lahudkar

RBI ने कैंसिल किया एक और बैंक का लाइसेंस-RBI

Aajtakkhabar:भारतीय रिजर्व बैंक ने पुणे स्थित सेवा विकास सहकारी बैंक लिमिटेड (The Seva Vikas Co-op Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया। RBI ने सोमवार को कहा कि उसने ऐसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 10 अक्टूबर को कारोबार बंद होने के बाद इस बैंको को बैंकिंग कारोबार करने की अनुमति नहीं होगी।

बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई ने कहा कि लगभग 99 प्रतिशत जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 14 सितंबर तक डीआईसीजीसी ने कुल बीमित जमा राशि का 152.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।आरबीआई ने अपने आदेश में कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने जमाकर्ताओं के पैसे का पूरा भुगतान नहीं कर पाएगा। आरबीआई ने कहा कि सेवा विकास सहकारी बैंक को बैंकिंग व्यवसाय करने से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा जमा की स्वीकृति और तत्काल प्रभाव से जमा की चुकौती भी शामिल है।

सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र को भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक असेसमेंट ऑफिसर नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए कहा गया है। जब तक असेसमेंट की कार्रवाई पूरी नहीं होती तब तक प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि में से 5 लाख रुपये तक की दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।

(एजेंसी इनपुट}

Edited By:Sachin Lahudkar

5 तरीकों से आप अपने घर लेने के सपने को कर सकते हैं पूरा l

Aajtakkhabar: नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। पढ़ाई पूरी करने बाद हम सभी अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत करते हैं और यहां से हमारा नौकरी ढूंढने का सिलसिला शुरू हो जाता है। कुछ इंटरव्यू के बाद नौकरी मिल जाती है, लेकिन जैसे-जैसे जिंदगी आगे बढ़ती है, हमारे साथ कई फाइनेंशियल गोल जुड़ते चले जाते हैं। खुद की शादी, बच्चे की शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान देना, परिवार में भाई-बहन के खर्चों को पूरा करने के लिए सहयोग करना, साथ ही परिवार के दूसरे खर्चों में हम इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने लिए नया घर लेना एक सपना बन जाता है। इसके अलावा जैसे-जैसे प्रोपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं, ऐसे में नए घर का मालिक बनना एक नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए और भी मुश्किल हो जाता है।

घर लेना हर किसी के लिए एक फाइनेंशियल गोल होता है, और जब व्यक्ति कमाना शुरू करता है, तो तभी से ही वो इसका सपना देखने लगता है। ऐसा नहीं है कि कमाई कम है, लेकिन अगर हम अपने पैसे को सही तरीके से मैनेज करें और खर्चों को लेकर अनुशासित रहें, तो आप जल्द ही अपना नया घर लेने का सपना पूरा कर सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी चीज है कि आप अपने अंदर वित्तीय साक्षरता

Edited By: Sachin Lahudkar