उलझा NATO…तो होगी वैश्विक तबाही’ राष्ट्रपति पुतिन ने दी चेतावनी
By Aajtakkhabar Admin 15 October 2022
Aajtakkhabar:- Edited By-sachin lahudkar
Aajtakkhabar:वार्ता में चीन और भारत की संभावित मध्यस्थता के बारे में बात करते हुए कहा कि चीन और भारत ने हमेशा बातचीत कायम करने और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया. इस सम्मेलन में पुतिन ने यह भी कहा कि यूक्रेन में उनके बलों को मजबूती देने के लिए सैन्य प्रशिक्षण वाले नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी उनके फैसले पर दो हफ्ते में पूरी तरह अमल किया जाएगा. पुतिन ने पिछले महीने यह आदेश दिया था.पुतिन ने कहा कि 2,22,000 से 3,00,000 सैन्य प्रशिक्षण वाले नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी आदेश पर अमल शुरू किया जा चुका है. इनमें से 33,000 पहले ही सेना में शामिल हो चुके हैं. जबकि 16,000 जवान यूक्रेन में जारी सैन्य अभियान का हिस्सा हैं. पुतिन द्वारा सितंबर में जारी इस आदेश के तहत 65 साल से कम आयु के लगभग सभी पुरुष सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों के रूप में पंजीकृत हैं. इस फैसले पर आम जनता में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. राष्ट्रपति के इस आदेश के बाद हजारों लोग रूस छोड़कर पड़ोसी देशों में पलायन करने लगे थेI क्रीमिया ब्रिज पर हमले के बाद यूक्रेन को सबक सिखाने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर ‘वैश्विक तबाही’ की चेतावनी दी है. उन्होंने साफ और सख्त लहज़े में यह कहा है कि अगर NATO आर्मी ने रूस की सेना से भिड़ने की कोशिश की, तो वैश्विक तबाही होने से कोई नहीं रोक सकता. पुतिन ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि रूसी सेना के साथ नाटो सैनिकों का सीधा टकराव पूरी दुनिया के लिए बड़ी तबाही ला सकता है. पुतिन ने कहा कि यह एक खतरनाक कदम साबित हो सकता है, जिससे पूरी दुनिया को दो-चार होना पड़ेगा.रूसी राष्ट्रपति ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा, ‘जो ऐसा करने की सोच रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि वो इतने समझदार हैं कि ऐसा कदम न उठाएं.’ पुतिन ने कई बार यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी दी है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की है. व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, ग्रुप ऑफ सेवन (G7) देशों ने मंगलवार को रूस को चेताया कि यूक्रेन पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के गंभीर परिणाम होंगे. अस्ताना प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी राष्ट्रपति ने भारत और चीन को अपना करीबी सहयोगी और पार्टनर करार दिया और कहा कि दोनों कद्दावर एशियाई देशों ने हमेशा बातचीत शुरू करने और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत के बारे में बात की हैl…(एजेंसी इनपुट के साथ)
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भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध का फ़ायदा उठाने का आरोप लगाया है.यूक्रेन ने कहा, ‘भारत हमारी ज़िंदगियों की कीमत पर ले रहा है रूसी तेल’: प्रेस रिव्यू BBC
Aajtakkhabar: bbc News ,अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ़ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, कुलेबा ने भारत की ओर से इसे ‘यूक्रेन युद्ध’ कहने पर भी सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा कि जब भारत को ‘हमारे दुख-दर्द’ से लाभ हो रहा है तो वो कम से कम इतना तो कर ही सकता है कि वो हमें देने वाली मदद को बढ़ा दे.
भारत सरकार इस साल 24 फ़रवरी को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन में मानवीय सहायता उपलब्ध करा रही है.
कुलेबा ने भारत को लेकर ये बात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आने के बाद कही है.
जयशंकर ने एक बार फिर कहा है कि भारत अभी भी यूरोपीय संघ की तुलना में काफ़ी कम मात्रा में रूसी तेल ख़रीद रहा है.
कुलेबा ने कहा, “सिर्फ़ यूरोपीय संघ पर उंगली उठाते हुए ये कहना पर्याप्त नहीं है कि ‘देखिए, वो भी तो यही कर रहे हैं’ क्योंकि भारत को सस्ते दामों पर रूसी तेल ख़रीदकर पैसे बचाने का जो अवसर मिला है, वो इसलिए नहीं है कि यूरोपीय संघ भी रूस से तेल ख़रीद रहा है. ये इस वजह से है क्योंकि यूक्रेनी लोग रूसी युद्ध की वजह से परेशान हो रहे हैं और मर रहे हैं.”
भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से सस्ती दरों पर उपलब्ध रूसी तेल का आयात बढ़ा दिया है.
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द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में कहा है कि भारत लगातार संवाद शुरू करने की दिशा में बढ़ने की बात कर रहा है.
उन्होंने कहा, “भारत ये कहता आया है कि हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए. भारत ने दोनों पक्षों से कूटनीति और संवाद की ओर बढ़ने की अपील की है. और लगातार कहा है कि वह संघर्ष ख़त्म करने के लिए सभी तरह के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करता है.”