चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का अधिवेशन आज से शुरू हो रहा है।
By Aajtakkhabar Admin 16 October 2022
Aajtakkhabar:राष्ट्रपति शी चिनफिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित किया जाना लगभग तय है। चिनफिंग की इस नियुक्ति के साथ ही शीर्ष नेताओं की अधिकतम 10 साल तक नियुक्ति का पुराना मानदंड समाप्त हो जाएगा। यह अधिवेशन सप्ताह भर चलेगा। इसमें चिनफिंग के दिशा निर्देशों के तहत 2,296 निर्वाचित प्रतिनिधि गुप्त बैठक में भाग लेंगे। इस अधिवेशन के विरोध में भी हो रहे हैं।अधिवेशन से पहले ताइवान को लेकर चीन के रुख में कुछ नरमी के संकेत किए हैं। पार्टी प्रवक्ता सुन येली येली ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हम शांति पूर्ण ढंग से ताइवान का एकीकरण चाहते हैं और शक्ति का प्रयोग आखिरी विकल्प के रूप में किया जाएगा। यह चीन की दीर्घकालिक स्थिरता और विकास के लिए अच्छा रहेगा। चिनफिंग को छोड़कर, दूसरे नंबर के नेता प्रधानमंत्री ली केकियांग सहित सभी शीर्ष नेताओं को आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर फेरबदल का सामना करना होगा। इस बदलाव में निवर्तमान विदेश मंत्री वांग यी का स्थान कोई और लेगा। यह अधिवेशन 16 से 22 अक्टूबर तक चलेगा।
बढ़ती बेरोजगारी को लेकर लोगों में आक्रोश
देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई से पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। इनमें सेना के दंडित शीर्ष अधिकारियों सहित लाखों अधिकारी शामिल हैं। 2012 में सत्ता संभालने के पहले दिन से ही चिगफिंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू किया था।
Edited By:-Sachin Lahudkar
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भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध का फ़ायदा उठाने का आरोप लगाया है.यूक्रेन ने कहा, ‘भारत हमारी ज़िंदगियों की कीमत पर ले रहा है रूसी तेल’: प्रेस रिव्यू BBC
Aajtakkhabar: bbc News ,अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ़ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, कुलेबा ने भारत की ओर से इसे ‘यूक्रेन युद्ध’ कहने पर भी सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा कि जब भारत को ‘हमारे दुख-दर्द’ से लाभ हो रहा है तो वो कम से कम इतना तो कर ही सकता है कि वो हमें देने वाली मदद को बढ़ा दे.
भारत सरकार इस साल 24 फ़रवरी को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन में मानवीय सहायता उपलब्ध करा रही है.
कुलेबा ने भारत को लेकर ये बात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आने के बाद कही है.
जयशंकर ने एक बार फिर कहा है कि भारत अभी भी यूरोपीय संघ की तुलना में काफ़ी कम मात्रा में रूसी तेल ख़रीद रहा है.
कुलेबा ने कहा, “सिर्फ़ यूरोपीय संघ पर उंगली उठाते हुए ये कहना पर्याप्त नहीं है कि ‘देखिए, वो भी तो यही कर रहे हैं’ क्योंकि भारत को सस्ते दामों पर रूसी तेल ख़रीदकर पैसे बचाने का जो अवसर मिला है, वो इसलिए नहीं है कि यूरोपीय संघ भी रूस से तेल ख़रीद रहा है. ये इस वजह से है क्योंकि यूक्रेनी लोग रूसी युद्ध की वजह से परेशान हो रहे हैं और मर रहे हैं.”
भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से सस्ती दरों पर उपलब्ध रूसी तेल का आयात बढ़ा दिया है.
हालांकि, यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर भारत का रुख़ चिंता से भरा रहा है.
द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में कहा है कि भारत लगातार संवाद शुरू करने की दिशा में बढ़ने की बात कर रहा है.
उन्होंने कहा, “भारत ये कहता आया है कि हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए. भारत ने दोनों पक्षों से कूटनीति और संवाद की ओर बढ़ने की अपील की है. और लगातार कहा है कि वह संघर्ष ख़त्म करने के लिए सभी तरह के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करता है.”