भारत की इस हार से पाकिस्तान की सेमीफाइनल में पहुंचने की लगभग सारे दरवाजे बंद हो गए।
By Aajtakkhabar Admin 1 November 2022
Aajtakkhabar:टीम इंडिया के इस हार से पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर काफी निराश हुए। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से कहा कि “इंडिया ने हमें मरवा दिया। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया के बल्लेबाज, साउथ अफ्रीका की तेज गेंदबाजी के सामने पूरी तरह से एक्सपोज हो गए। यदि वो थोड़ा धैर्य से खेलते तो 150 का स्कोर बना सकते थे।
अख्तर ने कहा “पाकिस्तान टीम के आगे का सफर अब लगभग खत्म हो चुका है लेकिन बावजूद इसके वह अपनी टीम का समर्थन करेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने साउथ अफ्रीका के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें वर्ल्ड कप का सबसे बड़ा दावेदार भी बताया।
टीम इंडिया को अभी दो मैच और खेलने हैं। टीम पहले बांग्लादेश के साथ एडिलेड में भिड़ेगी। यह मुकाबला 2 नवंबर को होगा जबकि टीम इंडिया सुपर-12 के अपने आखिरी मैच में 6 नवंबर को जिम्बाब्वे के खिलाफ उतरेगी। अब टीम के पास मौका है कि वो दोनों मैच जीतकर प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर खत्म करे।
Edited By: Sachin Lahudkar
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देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं
एक तरफ जहां मोदी सरकार का कहना है कि चुनाव के खर्च में कमी करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। वहीं, विपक्षी दलों का मानना है कि इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा।क्या वाकई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से देश को आर्थिक फायदा होगा? एक रिपोर्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया गया है।पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक साथ कराने से ही चुनाव खर्च कम नहीं हो जाएगा, इसके लिए जरूरी है कि सारे चुनाव एक सप्ताह के अंदर कराए जाएं। अगर ऐसा होता है तो चुनाव पर आने वाले खर्च को घटा कर एक तिहाई किया जा सकता।
एक अध्ययन के अनुसार, स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा तक सारे चुनाव एक साथ कराने पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, लेकिन अगर सभी चुनाव एक हफ्ते के अंदर कराए जाएं तो ये खर्च घट कर तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक आ सकता है। पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर ₹10 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 पर ₹1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
विधानसभा सीटों पर खर्च
देश में 4,500 विधानसभा सीटें है अगर साथ कराए जाए तो इस पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव पर खर्च
देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायते हैं। 650 जिला परिषद, 7,000 मंडल, 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत सीटों के चुनाव पर 4.30 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते है। देश में हैं 500 नगरपालिका हैं। सभी सीटो पर चुनाव एक साथ कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।मौजूदा तौर-तरीके, पोल पैनल कितना असरदार है और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन, ये सभी चीजें खर्च घटाने में अहम भूमिका निभाएंगी।अध्ययन के मुताबिक, अगर चुनाव को कई चरणों मे न कराया जाए तो इससे चुनाव पर खर्च कम हो सकता है, क्योकि विज्ञापन और यात्राओं पर कम खर्च होगा।
Edited by; sachin lahudkar