आइए जानते हैं कि पठान ने 10 दिनों में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर कुल कितनी कमाई की है।
By Aajtakkhabar Admin 5 February 2023
Aajtakkhabar:पहले दिन 57 करोड़ से खाता खोलने वाली ‘पठान’ बहुत ही तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। इसने 26 जनवरी को ही बड़ा जम्प लेते हुए 70 करोड़ का बिजनेस कर लिया था। पहले हफ्ते में ही फिल्म 300 करोड़ के ऊपर पहुंच गई थी। हालांकि, सोमवार से इसके कलेक्शन में गिरावट आई, जो बदस्तूर जारी है। सिद्धार्थ आनंद की इस फिल्म की नजर अब आमिर खान की ‘दंगल’ के वर्ल्ड वाइड रिकॉर्ड को तोड़ने पर है।
10वें दिन कमाए इतने करोड़
इस वीकेंड पर भी पठान के जबरदस्त कलेक्शन के आसार हैं। ऐसे में ये बहुत जल्द ही 1000 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस करेगी, ऐसी आशा जताई जा रही है। क्योंकि रिलीज के 10वें दिन भी डबल डिजिट में कलेक्शन होना काफी बढ़िया संकेत है। रिलीज के दूसरे शुक्रवार को ‘पठान’ ने 15 करोड़ का बिजनेस किया है।
इसके साथ ही इसकी कुल कमाई पहुंच गई 379.18 करोड़ के पार। सिर्फ हिंदी बेल्ट में फिल्म ने 12.02 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी दर्ज की है। शुक्रवार को भी नाईट शोज में सबसे ज्यादा भीड़ रही। हिंदी के अलावा फिल्म तेलुगु में भी अच्छा परफॉर्म कर रही है।10वें दिन आमिर खान की दंगल ने 387.38 करोड़ का कलेक्शन किया था। जिसे पीछे छोड़ने में पठान’ फेल हो गई और उसने सिर्फ 379.18 करोड़ का कलेक्शन किया है। इस फिल्म से शाह रुख ने 4 साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की है। फिल्म में किंग खान के अलावा दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहिम भी दमदार भूमिकाओं में नजर आए।
Edited By:Sachin Lahudkar
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देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं
एक तरफ जहां मोदी सरकार का कहना है कि चुनाव के खर्च में कमी करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। वहीं, विपक्षी दलों का मानना है कि इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा।क्या वाकई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से देश को आर्थिक फायदा होगा? एक रिपोर्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया गया है।पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक साथ कराने से ही चुनाव खर्च कम नहीं हो जाएगा, इसके लिए जरूरी है कि सारे चुनाव एक सप्ताह के अंदर कराए जाएं। अगर ऐसा होता है तो चुनाव पर आने वाले खर्च को घटा कर एक तिहाई किया जा सकता।
एक अध्ययन के अनुसार, स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा तक सारे चुनाव एक साथ कराने पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, लेकिन अगर सभी चुनाव एक हफ्ते के अंदर कराए जाएं तो ये खर्च घट कर तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक आ सकता है। पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर ₹10 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 पर ₹1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
विधानसभा सीटों पर खर्च
देश में 4,500 विधानसभा सीटें है अगर साथ कराए जाए तो इस पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव पर खर्च
देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायते हैं। 650 जिला परिषद, 7,000 मंडल, 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत सीटों के चुनाव पर 4.30 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते है। देश में हैं 500 नगरपालिका हैं। सभी सीटो पर चुनाव एक साथ कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।मौजूदा तौर-तरीके, पोल पैनल कितना असरदार है और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन, ये सभी चीजें खर्च घटाने में अहम भूमिका निभाएंगी।अध्ययन के मुताबिक, अगर चुनाव को कई चरणों मे न कराया जाए तो इससे चुनाव पर खर्च कम हो सकता है, क्योकि विज्ञापन और यात्राओं पर कम खर्च होगा।
Edited by; sachin lahudkar