5 तरीकों से आप अपने घर लेने के सपने को कर सकते हैं पूरा l

5 तरीकों से आप अपने घर लेने के सपने को कर सकते हैं पूरा l

By Aajtakkhabar Admin 23 September 2022

Aajtakkhabar: नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। पढ़ाई पूरी करने बाद हम सभी अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत करते हैं और यहां से हमारा नौकरी ढूंढने का सिलसिला शुरू हो जाता है। कुछ इंटरव्यू के बाद नौकरी मिल जाती है, लेकिन जैसे-जैसे जिंदगी आगे बढ़ती है, हमारे साथ कई फाइनेंशियल गोल जुड़ते चले जाते हैं। खुद की शादी, बच्चे की शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान देना, परिवार में भाई-बहन के खर्चों को पूरा करने के लिए सहयोग करना, साथ ही परिवार के दूसरे खर्चों में हम इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने लिए नया घर लेना एक सपना बन जाता है। इसके अलावा जैसे-जैसे प्रोपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं, ऐसे में नए घर का मालिक बनना एक नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए और भी मुश्किल हो जाता है।

घर लेना हर किसी के लिए एक फाइनेंशियल गोल होता है, और जब व्यक्ति कमाना शुरू करता है, तो तभी से ही वो इसका सपना देखने लगता है। ऐसा नहीं है कि कमाई कम है, लेकिन अगर हम अपने पैसे को सही तरीके से मैनेज करें और खर्चों को लेकर अनुशासित रहें, तो आप जल्द ही अपना नया घर लेने का सपना पूरा कर सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी चीज है कि आप अपने अंदर वित्तीय साक्षरता

Edited By: Sachin Lahudkar

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G-20 शिखर सम्मेलन की सफलता से भारतीय शेयर बाजार का सबसे प्रमुख सूचकांक निफ्टी पहली बार 20 हजार अंक के पार पहुंच गया।

यह दिन भर 20 हजार के ऊपर बना रहा, हालांकि सत्र की समाप्ति पर मुनाफावसूली के चलते निफ्टी 20 हजार से नीचे आ गया। 19 हजार से 20 हजार का यह सफर निफ्टी ने 52 कारोबारी दिनों में पूरा किया। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार एक लंबे बुल रन से गुजर रहे हैं और यह अगले 5 से 10 साल ने भी आज के कारोबारी सत्र में 67000 का आंकड़ा पार किया और 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 67127.08 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 19996.35 अंक पर हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी ने 20008.15 अंक का अब तक उच्चतम स्तर छुआ। इरकॉन इंटरनेशनल 19.97 और आरवीएनएल 16.40 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स आज 67000 के पार बंद हुआ है।

 भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कोराबारी सत्र एतिहासिक रहा। बाजार के मुख्य सूचकांक में से एक निफ्टी ने 20000 के स्तर को छुआ। हालांकि, इस स्तर पर टिकने में कामयाब नहीं रहा। बाजार में आज करीब सभी सेक्टरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। सरकारी शेयरों खासकर रेलवे से जुड़े स्टॉक्स में सबसे ज्यादा तेजी दिखी और इरकॉन इंटरनेशनल 19.97 और आरवीएनएल 16.40 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स ने भी आज के कारोबारी सत्र में 67,000 का आंकड़ा पार किया और 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 67,127.08 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 0.89 प्रतिशत की तेजी

सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और लूजर्स

पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक,एसबीआई, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील,नेस्ले, एनटीपीसी, टीसीएस, विप्रो, जेएसडब्लू स्टील, रिलायंस, आईटीसी, एमएंडएम, एचयूएल, कोटक महिंद्रा, एशियन पेंट्स,आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, सन फार्मा, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा और इंडसइंड बैंक बढ़त के साथ बंद हुए। आज के सत्र में केवल बजाज फाइनेंस और एलएंडटी गिरावट के साथ बंद हुए।

विदेशी बाजारों का क्या है हाल?

एशिया  में मिला-जुला माहौल देखने को मिल रहा है। टोक्यो, हांगकांग और ताइपे के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए हैं। वहीं, सियोल और शंघाई के बाजार हरे निशान में बंद हुए हैं। अमेरिका के बाजार शुक्रवार के सत्र में हल्की बढ़त के साथ बंद हुए थे। कच्चे तेल की कीमत में हल्की गिरावट देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड का रेट 90.42 डॉलर प्रति बैरल है।

के साथ 19,996.35 अंक पर हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी ने 20,008.15 अंक का अब तक उच्चतम स्तर छुआ।

Edited by :sachin lahudkar

अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research की रिपोर्ट आने के बाद से ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है।

Aajtakkhabar:ग्रुप का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। अब ग्रुप की कंपनियों के बारे में एक और खबर आ रही है। अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों ने बैंकों के पास अपने शेयर गिरवी रखे हैं। इन

बैंकों ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) को कर्ज दे रखा है।

इन कंपनियों ने अपने शेयर एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी (SBICAP Trustee Co) के पास गिरवी रखे हैं। एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक यूनिट है। उसने बीएसई (BSE) को एक जानकारी में बताया कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ), अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission Ltd) और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) ने उसके पास अपने शेयर गिरवी रखे हैं।Hindenburg Research ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के बारे में एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप ने शेयरों के साथ छेड़छाड़ की है।

हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। लेकिन इस रिपोर्ट के आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। इस बीच MSCI ने भी अडानी ग्रुप की चार कंपनियों का फ्री फ्लोट स्टेटस कम कर दिया है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) अडानी ग्रुप और कुछ इनवेस्टर्स के साथ उसके लिंक्स की जांच कर रहा है। इन निवेशकों ने हाल में ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के एफपीओ में पैसा लगाया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस एफपीओ को वापस ले लिया था और निवेशकों के पैसे लौटा दिए थे।

एसबीआई ने अडानी ग्रुप के ऑस्ट्रेलिया में स्थित कार्मीकेल प्रोजेक्ट को 30 करोड़ डॉलर की स्टैंडबाई एलसी फैसिलिटी दी थी।

इसके तहत ग्रुप की तीन कंपनियों के कुछ अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे गए हैं। 140% के जरूरी कोलेट्रल कवरेज की हर महीने के अंत में समीक्षा की जाती है और किसी भी कमी को टॉप अप के रूप में पूरा किया जाता है। पिछले साल जून और जुलाई में टॉप अप किया गया था और ऐसा तीसरा टॉप अप आठ फरवरी को किया गया।प्रवक्ता ने कहा कि सिक्योरिटी ट्रस्टी होने के नाते एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी को इसकी जानकारी सेबी को देनी पड़ती है।

जब भी गिरवी रखे गए शेयरों की संख्या में बदलाव होता है तो इसकी जानकारी मार्केट रेगुलेटर को देनी पड़ती है।

इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में अडानी ग्रीन के गिरवी शेयरों की संख्या 1.06 परसेंट, अडानी पोर्ट्स की 1.00 परसेंट और अडानी ट्रांसमिशन की 0.55 फीसदी पहुंच गई है। यह केवल अतिरिक्त कोलेट्रल सिक्योरिटी है और इसके लिए एसबीआई ने कोई फाइनेंस नहीं दिया है।

Edited By: Sachin Lahudkar

बड़ी बीमा कंपनी LIC संसद में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद समग्र यानी कम्पोजिट लाइसेंस पर विचार कर सकती है। 

Aajtakkhabar:

विधेयक के अनुसार एक आवेदक किसी भी श्रेणी या प्रकार के बीमा व्यवसाय के एक या एक से अधिक वर्गों/उप-श्रेणियों के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है।

कम्पोजिट लाइसेंस बीमाकर्ताओं को एक ही इकाई के माध्यम से सामान्य और स्वास्थ्य बीमा, दोनों प्रदान कराने की अनुमति देगा। हालांकि पुनर्बीमा में लगी कंपनियां बीमा व्यवसाय के किसी अन्य वर्ग में अपना रिजस्ट्रेशन नहीं करा सकतीं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है

एलआईसी जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 को ध्यान में रखते हुए समग्र लाइसेंस और विधेयक के पारित होने से उत्पन्न होने वाले अन्य मुद्दों पर व्यापक तरीके से विचार करेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीमा अधिनियम 1938 और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में प्रस्तावित संशोधनों के साथ विधेयक को अगले महीने से शुरू होने वाले आगामी बजट सत्र में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है।

अगर कंपोजिट इंश्योरेंस रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव पास हो जाता है तो इन कंपनियों के लिए सॉल्वेंसी मार्जिन और कैपिटल रिक्वायरमेंट में बदलाव होगा।

बीमा कानून में प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसीधारकों के हितों को बढ़ावा देने, पॉलिसीधारकों को रिटर्न में सुधार लाने, बीमा बाजार में अधिक खिलाड़ियों के प्रवेश को सुगम बनाने, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और बीमा उद्योग की दक्षता बढ़ाने पर विचार करेगा।

अगर कंपोजिट इंश्योरेंस रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव पास हो जाता है तो इन कंपनियों के लिए सॉल्वेंसी मार्जिन और कैपिटल रिक्वायरमेंट में बदलाव होगा। प्रस्तावित संशोधन में कहा गया है कि संचालन के आकार और पैमाने, बीमा व्यवसाय के वर्ग या उप-वर्ग और बीमाकर्ता की श्रेणी या प्रकार को ध्यान में रखते हुए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा न्यूनतम चुकता पूंजी निर्धारित की जानी चाहिए। मौजूदा कानून के मुताबिक मौजूदा सॉल्वेंसी रेशियो 150 फीसदी है, जबकि पेड अप कैपिटल 100 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बीमा सेक्टर का विस्तार करने, दक्षता में सुधार करने और नए-नए उत्पाद पेश करने के लिए न्यूनतम पूंजी की सीमा में कमी सहित बीमा कानून में कई बदलावों की पेशकश की है।

बीमा सेक्टर की तस्वीर

2021-22 के दौरान भारत में बीमा की पहुंच 4.2 प्रतिशत थी। एक साल पहले भी यह लगभग इतना ही था, हालंकि भारत में बीमा घनत्व 2020-21 में 78 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 91 अमेरिकी डॉलर हो गया। बीमा सघनता के स्तर में वर्ष 2010-11 में 2001-02 में 11.5 अमेरिकी डॉलर से लगातार 64.4 अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्तमान में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 31 गैर-जीवन या सामान्य बीमा कंपनियां हैं, जिनमें कृषि बीमा कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड और ईसीजीसी लिमिटेड कंपनियां भी हैं। 2015 में विदेशी निवेश कैप को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बीमा अधिनियम में संशोधन किया गया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Edited By:Sachin Lahudkar

फ्रेंचाइजी लेकर आप भी दे सकते हैं डाकघर की सेवाएं

Aajtakkhabar:देश के करोड़ों लोग बचत करने के लिए पोस्ट ऑफिस पर भरोसा करते हैं। पोस्ट ऑफिस का नेटवर्क भी पूरे देशभर में फैला हुआ है, लेकिन अभी भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां कनेक्टिविटी उतनी अच्छी नहीं है। अपने नेटवर्क में विस्तार के लिए इंडियन पोस्ट ने कुछ समय पहले फ्रेंचाइजी सर्विस लॉन्च की थी।

इसके बाद आप आसानी से पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी ले सकते हैं। इसके जरिए आप भी अपने इलाके में पोस्ट ऑफिस वाली सुविधाएं मुहैया करा सकते हैं। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में…

फ्रेंचाइजी स्कीम

पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट के अनुसार, दो प्रकार की पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी होती हैं। पहला आउटलेट फ्रेंचाइजी और फ्रेंचाइजी पोस्टल एजेंट्स। आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी फ्रेंचाइजी प्लान चुन सकते हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन करने वाले व्यक्ति का कोई भी परिवारजन पोस्ट डिपार्टमेंट मे कर्मचारी नहीं होना चाहिए। वहीं, किसी सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं पास होना चाहिए।

 फ्रेंचाइजी की लागत

आउटलेट फ्रेंचाइजी, पोस्टल एजेंट्स की तुलना की में काफी किफायती होते हैं, क्योंकि इसमें केवल सर्विसिंग का कार्य होता है। स्टेशनरी पर खर्च होने की वजह से पोस्टल एजेंट्स थोड़ा महंगा होता है। पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी के लिए कम से कम 200 स्क्वायर फीट का ऑफिस जगह होनी चाहिए। इसके अलावा 5000 रुपये का सिक्योरिटी अमांउट होना चाहिए। इसे जमा करने के बाद आपकी फ्रेंचाइजी खोलने के लिए अनुमति मिल जाएगी।

 फ्रेंचाइजी खोलने की कमाई

फ्रेंचाइजी खोलने के बाद आप डाक टिकट, स्पीड पोस्ट, मनी ऑर्डर आदि कई तरह की सर्विस देकर कमाई कर सकते हैं। एक डाक पोस्ट की बुकिंग पर आपको 3 रुपये, स्पीड पोस्ट पर 5 रुपये, पोस्टेज स्टांप और स्टेशनरी की बिक्री पर आपको 5 प्रतिशत कमीशन मिलता है।

Edited By: Sachin Lahudkar

SBI बैंक ने MLCR की दरों में बदलाव कर दिया है। इसके चलते अब एसबीआई के लोन महंगे हो जाएंगे। 

Aajtakkhabar:बिजनेस डेस्क,SBI बैंक ने एमसीएलआर की मार्जिनल लागत में 15 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिससे अधिकांश कर्जदारों के लिए लोन महंगे हो गए हैं। संशोधित दरें आज यानी 15 नवंबर, 2022 से लागू कर दी गई हैंl

एक साल का बेंचमार्क एमसीएलआर, जिसके आधार पर ज्यादातर होम, ऑटो और पर्सनल लोन की दरें तय की जाती हैं, को 10 बेसिस प्वाइंट (बीपीएस) बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह 7.95 फीसद था। इसी तरह, दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 10 आधार अंक बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत और 8.35 प्रतिशत कर दिया गया है। एसबीआई ने अपनी वेबसाइट इसकी जानकारी देते हुए एक अधिसूचना भी जारी किया है।

एक महीने और तीन महीने के एमसीएलआर को 15 आधार अंक बढ़ाकर 7.75 प्रतिशत कर दिया गया है। छह महीने की एमसीएलआर में 15 आधार अंकों की वृद्धि के साथ दर को 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है। एसबीआई ने ओवरनाइट रेट में 10 आधार अंकों की वृद्धि कर दी है और ये 7.60 प्रतिशत हो गया है।

Edited By:Sachin Lahudkar

RBI ने मंगलवार को देश की पहले डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। 

Aajtakkhabar:आरबीआई के मुताबिक नौ बैंकों को फिलहाल डिजिटल रुपये में ट्रांजैक्शन की इजाजत दी गई है। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं। आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा को व्यापक बनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सरकार को प्रस्ताव दिया था।

ई-रुपये का उपयोग करके पहले दिन 2.75 अरब रुपये के बांड में ट्रेडिंग की गई। पहले दिन पांच साल और 10 साल के बॉन्ड का कारोबार हुआ। केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को अपनी डिजिटल मुद्रा का पायलट कार्यक्रम शुरू किया, जिससे चुनिंदा बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक-बाजार लेनदेन के निपटान के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति मिली।

क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय डिजिटल मुद्रा के जरिए बैंकों ने पहले दिन 2.75 अरब रुपये (33.3 मिलियन डॉलर) के बॉन्ड का कारोबार किया। डिजिटल करेंसी में भाग लेने वाले बैंकों 2027 बॉन्ड में 1.4 अरब रुपये के 24 ट्रेड्स को अंजाम दिया। 2032 बॉन्ड में कुल 23 ट्रेड्स के जरिए 1.3 अरब रुपये का लेन-देन किया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि RBI 2022-23 में CBDC को लॉन्च करेगा। 

केंद्र सरकार की तरफ डिजिटल मुद्रा के लॉन्च पर पहला आधिकारिक बयान था। वित्त मंत्री ने कहा था कि CBDC की शुरूआत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगी।

डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास स्थलों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे मिली सीख और अनुभव के आधार पर इसका विस्तार करने की संभावना जताई गई है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये के प्रयोग से प्रतिभूति बाजार में इंटर बैंकिंग लेन-देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। दूसरे लेन-देन में भी थोक लेन-देन की तरह डिजिटल रुपये का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।

Edited By:Sachin Lahudkar