महाराष्ट्र में एसी इंस्टॉल करते वक्त कंप्रेसर में धमाका; हादसे में तीन की मौत, 03 घायल
By Aajtakkhabar Admin 20 October 2022
Aajtakkhabar:-मुंबई, एएनआई: अलीबाग में बुधवार शाम एयर कंडीशनर (एसी) के कंप्रेसर में विस्फोट होने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हैं । श्रमिक राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर (आरसीएफ) कंपनी के संयंत्र में एयर कंडीशनर इंस्टॉल कर रहे थे उसी समय अचानक एसी कंप्रेसर में धमाका हो गया। विस्फोट के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।विस्फोट में मरने वाले श्रमिकों की पहचान अंकित शर्मा (27), फैजल शेख (32) और दिलशाद इदरसी (29) के रूप में की गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक घायल श्रमिकों की पहचान साजिद सिद्दीकी, जितेंद्र शेरके और अतिंदर के रूप में हुई है। घायलों को इलाज के लिए मुंबई के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक शाम करीब 4 बजकर 45 मिनट पर सभी एयर कंडीशनर इंस्टॉल कर रहे थे। तभी राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर के कंट्रोल रूम में एसी कंप्रेसर में धमाका हो गया।हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पुलिस को आरसीएफ प्रबंधन के ओर से जानकारी दी गई है कि फैक्ट्री में किसी तरह का रिसाव नहीं है और कामकाज ठीक तरह से चल रहा है। वहीं, बीते दिनों एक घर में गैस सिलेंडर फटने के बाद एक की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकी आठ साल के बच्चे सहित उसके परिवार के पांच सदस्य गंभीर रूप से झुलस गए थे। यह हादसा शहर के बख्शी का तालाब (बीकेटी) थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोमवार शाम को हुआ था।
Edited By:Sachin Lahudkar
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देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं
एक तरफ जहां मोदी सरकार का कहना है कि चुनाव के खर्च में कमी करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। वहीं, विपक्षी दलों का मानना है कि इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा।क्या वाकई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से देश को आर्थिक फायदा होगा? एक रिपोर्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया गया है।पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक साथ कराने से ही चुनाव खर्च कम नहीं हो जाएगा, इसके लिए जरूरी है कि सारे चुनाव एक सप्ताह के अंदर कराए जाएं। अगर ऐसा होता है तो चुनाव पर आने वाले खर्च को घटा कर एक तिहाई किया जा सकता।
एक अध्ययन के अनुसार, स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा तक सारे चुनाव एक साथ कराने पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, लेकिन अगर सभी चुनाव एक हफ्ते के अंदर कराए जाएं तो ये खर्च घट कर तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक आ सकता है। पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर ₹10 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 पर ₹1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
विधानसभा सीटों पर खर्च
देश में 4,500 विधानसभा सीटें है अगर साथ कराए जाए तो इस पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव पर खर्च
देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायते हैं। 650 जिला परिषद, 7,000 मंडल, 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत सीटों के चुनाव पर 4.30 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते है। देश में हैं 500 नगरपालिका हैं। सभी सीटो पर चुनाव एक साथ कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।मौजूदा तौर-तरीके, पोल पैनल कितना असरदार है और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन, ये सभी चीजें खर्च घटाने में अहम भूमिका निभाएंगी।अध्ययन के मुताबिक, अगर चुनाव को कई चरणों मे न कराया जाए तो इससे चुनाव पर खर्च कम हो सकता है, क्योकि विज्ञापन और यात्राओं पर कम खर्च होगा।
Edited by; sachin lahudkar