हिमाचल चुनाव में पीएम मोदी की जनता से अपील”वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनाएं.
By Aajtakkhabar Admin 12 November 2022
Aajtakkhabar:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हिमाचल प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान का दिन है. देवभूमि के समस्त मतदाताओं से मेरा निवेदन है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ भाग लें और वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनाएं. इस अवसर पर पहली बार वोट देने वाले राज्य के सभी युवाओं को मेरी विशेष शुभकामनाएं.
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हिमाचल प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान का दिन है। देवभूमि के समस्त मतदाताओं से मेरा निवेदन है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ भाग लें और वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनाएं। इस अवसर पर पहली बार वोट देने वाले राज्य के सभी युवाओं को मेरी विशेष शुभकामनाएं।
इस पर्वतीय राज्य में 55 लाख से अधिक मतदाता 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. चुनाव मैदान में मौजूद प्रमुख चेहरों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व बीजेपी प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती शामिल हैं. चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी में सेराज से जबकि पूर्व भाजपा प्रमुख सत्ती ऊना से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज कसुम्पटी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस के विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री हरोली से चुनावी मैदान में हैं.
Edited by:Sachin Lahudkar
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देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं
एक तरफ जहां मोदी सरकार का कहना है कि चुनाव के खर्च में कमी करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। वहीं, विपक्षी दलों का मानना है कि इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा।क्या वाकई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से देश को आर्थिक फायदा होगा? एक रिपोर्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया गया है।पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक साथ कराने से ही चुनाव खर्च कम नहीं हो जाएगा, इसके लिए जरूरी है कि सारे चुनाव एक सप्ताह के अंदर कराए जाएं। अगर ऐसा होता है तो चुनाव पर आने वाले खर्च को घटा कर एक तिहाई किया जा सकता।
एक अध्ययन के अनुसार, स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा तक सारे चुनाव एक साथ कराने पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, लेकिन अगर सभी चुनाव एक हफ्ते के अंदर कराए जाएं तो ये खर्च घट कर तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक आ सकता है। पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर ₹10 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 पर ₹1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
विधानसभा सीटों पर खर्च
देश में 4,500 विधानसभा सीटें है अगर साथ कराए जाए तो इस पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव पर खर्च
देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायते हैं। 650 जिला परिषद, 7,000 मंडल, 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत सीटों के चुनाव पर 4.30 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते है। देश में हैं 500 नगरपालिका हैं। सभी सीटो पर चुनाव एक साथ कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।मौजूदा तौर-तरीके, पोल पैनल कितना असरदार है और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन, ये सभी चीजें खर्च घटाने में अहम भूमिका निभाएंगी।अध्ययन के मुताबिक, अगर चुनाव को कई चरणों मे न कराया जाए तो इससे चुनाव पर खर्च कम हो सकता है, क्योकि विज्ञापन और यात्राओं पर कम खर्च होगा।
Edited by; sachin lahudkar