G-20 शिखर सम्मेलन- मोदी ने कहा कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा।
By Aajtakkhabar Admin 15 November 2022
Aajtakkhabar:पीएम मोदी भाग लेने के लिए बाली के अपूर्व केम्पिसंकी होटल पहुंचे। इस दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उनका स्वागत किया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी अपूर्व केम्पिसंकी होटल पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी का ये तीन दिवसीय दौरा है। पीएम यहां 20 कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस दौरान वह 10 वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। पीएम मोदी इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात भी करेंगे।
आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए।
मोदी ने कहा कि भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है। हम सभी को अगले वर्ष अतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष बड़े उत्साह के साथ मनाना चाहिए।
शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाने की आवश्यकता है। विश्वास है कि जब जी20 गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की पवित्र भूमि में मिलेंगे, तो हम दुनिया को शांति का एक मजबूत संदेश देने के लिए सहमत होंगे।
मोदी ने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था, जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यूएन जैसी संस्था युद्ध को रोकने में विफल रही है। ऐसे में जी20 सम्मेलन से ही दुनिया को उम्मीद है।कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध ने विश्व में तबाही मचाई है। मोदी ने कहा कि युद्ध विराम का रास्ता खोजना होगा।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर आयोजित सत्र में भाग लिया। मोदी ने इस दौरान खाद्य, उर्वरक और ऊर्जा के लिए आपूर्ति की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया।
Edited by:Sachin Lahudkar
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Aajtakkhabar: bbc News ,अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ़ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, कुलेबा ने भारत की ओर से इसे ‘यूक्रेन युद्ध’ कहने पर भी सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा कि जब भारत को ‘हमारे दुख-दर्द’ से लाभ हो रहा है तो वो कम से कम इतना तो कर ही सकता है कि वो हमें देने वाली मदद को बढ़ा दे.
भारत सरकार इस साल 24 फ़रवरी को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन में मानवीय सहायता उपलब्ध करा रही है.
कुलेबा ने भारत को लेकर ये बात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आने के बाद कही है.
जयशंकर ने एक बार फिर कहा है कि भारत अभी भी यूरोपीय संघ की तुलना में काफ़ी कम मात्रा में रूसी तेल ख़रीद रहा है.
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भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से सस्ती दरों पर उपलब्ध रूसी तेल का आयात बढ़ा दिया है.
हालांकि, यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर भारत का रुख़ चिंता से भरा रहा है.
द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में कहा है कि भारत लगातार संवाद शुरू करने की दिशा में बढ़ने की बात कर रहा है.
उन्होंने कहा, “भारत ये कहता आया है कि हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए. भारत ने दोनों पक्षों से कूटनीति और संवाद की ओर बढ़ने की अपील की है. और लगातार कहा है कि वह संघर्ष ख़त्म करने के लिए सभी तरह के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करता है.”