गणेश चतुर्थी का इतिहास मराठा साम्राज्य के सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा है I

गणेश चतुर्थी का इतिहास मराठा साम्राज्य के सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा है I

By Aajtakkhabar Admin 19 September 2023

Aajtakkhabar:

मान्यता है कि भारत में मुगल शासन के दौरान अपनी सनातन संस्कृति को बचाने हेतु छत्रपति शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई के साथ मिलकर गणेश चतुर्थी यानी गणेश महोत्सव की शुरुआत की थी Iछत्रपति शिवाजी द्वारा इस महोत्सव की शुरुआत करने के बाद मराठा साम्राज्य के बाकी पेशवा भी गणेश महोत्सव मनाने लगेI गणेश चतुर्थी के दौरान मराठा पेशवा ब्राह्मणों को भोजन कराते थे और साथ ही दान पुण्य भी करते थेI पेशवाओं के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में हिंदुओं के सभी पर्वों पर रोक लगा दी लेकिन फिर भी बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के महोत्सव को दोबारा मनाने की शुरूआत की इसके बाद 1892 में भाऊ साहब जावले द्वारा पहली गणेश मूर्ति की स्थापना की गई थीI

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक हैI वैसे तो देशभर में इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है लेकिन महाराष्ट्र, गोवा जैसे राज्यों में इसकी अलग ही धूम नजर आती हैI यहां कई दिनों पहले से बप्पा के आगमन की तैयारियां शुरू हो जाती हैंI अलग-अलग थीम के पंडाल तैयार किए जाते हैंI बप्पा की बड़ी-बड़ी मूर्तियां तैयार की जाती हैंI गणेश उत्सव के दौरान लोग इन मूर्तियों को देखने दूर-दूर से पहुंचते हैंI

भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में 10 दिनों का उत्सव मनाया जाता है जो गणेश चतुर्थी से शुरू होता हैI गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को घर लाया जाता है और 10 दिनों तक विधि विधान से उनकी पूजा करने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन उनका विसर्जन कर दिया जाता हैI इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगीI

भगवान गणेश को सौभाग्य, समृद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता हैI ऐसे में गणेश पूजन से घर में सुख समृद्धि का वास होता है. मान्यता ये भी है कि गणेश उत्सव के 10 दिनों तक भगवान गणेश पृथ्वी पर ही रहते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैंI ऐसे में भक्त भी बप्पा को प्रसन्न करने के लिए हर जतन करते हैंI महाराष्ट्र, गोवा और तेलंगाना आदि राज्यों में यह त्योहार काफी लोकप्रिय हैI इन राज्यों में गणपति जी के विशाल पंडाल लगते हैंI इस दिन सभी घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा का भव्य स्वागत किया जाता हैI साथ ही गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता हैI इस तिथि को व्रत रखने से व्रती को जीवन में सुख- समृद्धि और अनेक लाभ प्राप्त होते हैंI

गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना करने की मान्यता है और उसके 10 दिन बाद उनका विसर्जन किया जाता हैI कई लोग यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आखिर भगवान गणेश को इतनी श्रृद्धा के साथ लाने और पूजने के बाद उन्हें विसर्जित क्यों किया जाता हैI धर्म शास्त्रों के अनुसार इसके पीछे एक बेहद ही महत्वपूर्ण कथा छिपी हुई हैI

पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणपति जी से महाभारत की रचना को क्रमबद्ध करने की प्रार्थना कीथीI गणेश चतुर्थी के ही दिन व्यास जी श्लोक बोलते गए और गणेश जी उसे लिखित रूप में करते गएI 10 दिनों तक लगातार लेखन करने के बाद गणेश जी पर धूल-मिट्टी की परतें चढ़ गई थीI गणेश जी ने इस परत को साफ करने के लिए ही 10 वें दिन चतुर्थी पर सरस्वती नदी में स्नान किया था तभी से गणेश जी को विधि-विधान से विसर्जित करने की परंपरा हैI

भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती हैI पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान गणेश का जन्म ​भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ थाI गणेशोत्सव के दौरान सभी लोग बप्पा घरों में विराजमान होते हैं और 10 दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती हैI किसी भी नए काम की शुरूआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा हैI गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है जो आपके जीवन में आने वाले सभी दुख- दर्द को दूर करते हैंI गणेश उत्सव मनाने की परंपरा महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही हैI

Edited by :Sachin Lahudkar

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