पूर्णिया के चूनापुर एयरपोर्ट परअमित शाह का विमान, कुछ देर बाद जनसभा में होंगे गृहमंत्री
By Aajtakkhabar Admin 23 September 2022
Aajtakkhabar:पटना, आनलाइन डेस्क। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में गृह मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) अपने दो दिवसीय दौरे पर बिहार के सीमांचल इलाके में हैं। वे कुछ ही देर बाद पूर्णिया में जनभावना सभा (रैली) को संबोधित कर किशनगंज चले जाएंगे। किशनगंज में वे सीमांचल के बीजेपी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। किशनगंज में नेपाल सीमा पर एसएसबी कैंप भी जाएंगे।
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का यह पहला बिहार दौरा है। इसमें वे बीजेपी की मजबूती पर जोर देंगे। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एवं राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को निशाने पर लेंगे, यह तय लग रहा है। बीजेपी विरोधी दलों की उनपर नजर बनी हुई है। लालू यादव ने भी अलर्ट रहने को कहा है।
Edited By:Sachin Lahudkar
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देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं
एक तरफ जहां मोदी सरकार का कहना है कि चुनाव के खर्च में कमी करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। वहीं, विपक्षी दलों का मानना है कि इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा।क्या वाकई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से देश को आर्थिक फायदा होगा? एक रिपोर्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया गया है।पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक साथ कराने से ही चुनाव खर्च कम नहीं हो जाएगा, इसके लिए जरूरी है कि सारे चुनाव एक सप्ताह के अंदर कराए जाएं। अगर ऐसा होता है तो चुनाव पर आने वाले खर्च को घटा कर एक तिहाई किया जा सकता।
एक अध्ययन के अनुसार, स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा तक सारे चुनाव एक साथ कराने पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, लेकिन अगर सभी चुनाव एक हफ्ते के अंदर कराए जाएं तो ये खर्च घट कर तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक आ सकता है। पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर ₹10 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 पर ₹1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
विधानसभा सीटों पर खर्च
देश में 4,500 विधानसभा सीटें है अगर साथ कराए जाए तो इस पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव पर खर्च
देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायते हैं। 650 जिला परिषद, 7,000 मंडल, 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत सीटों के चुनाव पर 4.30 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते है। देश में हैं 500 नगरपालिका हैं। सभी सीटो पर चुनाव एक साथ कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।मौजूदा तौर-तरीके, पोल पैनल कितना असरदार है और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन, ये सभी चीजें खर्च घटाने में अहम भूमिका निभाएंगी।अध्ययन के मुताबिक, अगर चुनाव को कई चरणों मे न कराया जाए तो इससे चुनाव पर खर्च कम हो सकता है, क्योकि विज्ञापन और यात्राओं पर कम खर्च होगा।
Edited by; sachin lahudkar