विराट कोहली को उनके जन्मदिन पर लोगों ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है।

विराट कोहली को उनके जन्मदिन पर लोगों ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है।

By Aajtakkhabar Admin 5 November 2022

Aajtakkhabar:बीसीसीआइ ने अपने ट्विटर हैंडल पर विराट कोहली को बधाई देते हुए लिखा, “477 इंटरनेशनल मैच, 24350 रन, 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्राफी विजेता को जन्मदिन की बधाई।”

भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना ने लिखा, “जन्मदिन की बधाई भाई, आने वाले साल में आपका स्वास्थ्य और कई सारे शतक के लिए, लोगों को मोटिवेट करने के लिए बधाई।”

भारत के बल्लेबाज शिखर धवन ने ट्विटर पर एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं। तेज गेंदबाज उमेश यादव ने लिखा, भगवान आपको स्वस्थ रखें। पूर्व तेज गेंदबाज विनय कुमार ने लिखा, “समर्पण + दृढ़ संकल्प + अनुशासन = विराट कोहली, जन्मदिन की हार्दिक बधाई।”

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा, “भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली को जन्मदिन की बधाई। मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं।”

Edited By: Sachin Lahudkar

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लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 1 जून को मतदान संपन्न हुआ। भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 80 के दशक में हुई थी l

लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण के लिए आज वोटिंग हो रही है। आज मतदान पूरी होने के बाद एग्जिट पोल 2024 के परिणाम आना शुरू हो जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि एग्जिट पोल से चुनाव परिणाम की तस्वीर साफ हो जाती है कि किस पार्टी को जनादेश मिल रहा है और कौन केंद्र की सत्ता पर काबिज होने वाला है?

भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 80 के दशक में हुई थी और तब से हर बार सर्वे के आधार पर अंदाजा लगा लिया जाता है

कि किसे बहुमत मिल रहा है और किसी नहीं। लेकिन कभी-कभी एग्जिट पोल सही तो कभी-कभी पूरी तरह फेल हो जाते हैं। आइए जानते हैं पिछले चार लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल में कौन हुआ पास और कौन रहा फेल वर्ष 2004 में सभी एजेंसियों ने ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा देने वाली एनडीए को पूर्ण बहुमत का अनुमान लगाया था। लेकिन जब रिजल्ट आया तो एनडीए 200 सीटें भी नहीं मिली थी। इस दौरान लगभग ज्यादातर एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे।

वहीं यूपीए ने इस चुनाव में 222 सीटें हासिल कर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सहयोग से सत्ता हासिल की थी। एग्जिट पोल ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की निर्णायक जीत का पूर्वानुमान लगाया था और 240 से ज़्यादा सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई थी। जबकि रिजल्ट में भाजपा को केवल 187 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी 216 सीटें जीतने में सफल रहे।

सी-वोटर्स ने एनडीए को 263-275 मिलने का अनुमान लगाया था, जबकि यूपीए को 174-186 मिलने की भविष्यवाणी की थी।

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में भी सर्वे करवाने वाली एजेंसियों के दावे अधिकतर फेल साबित हुए थे। एग्जिट पोल के अनुसार, 2009 चुनाव में यूपीए को 199 और एनडीए को 197 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन रिजल्ट में यूपीए को 262 सीटें मिली थीं और एनडीए 159 सीट पर ही सिमट गई थी।

ज्यादातर एग्जिट पोल में कहा गया था कि कांग्रेस वापसी नहीं करेगी, लेकिन चुनाव के परिणाम आए और कांग्रेस ने फिर सरकार बनाई। लोकसभा चुनाव 2009 के परिणाम में कांग्रेस को 206 और भाजपा को 116 सीटें मिली थीं। सी-वोटर्स ने एनडीए को 189 मिलने का अनुमान लगाया था, जबकि यूपीए को 195 मिलने की भविष्यवाणी की थी।2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ एग्जिट पोल के दावे सही साबित हुए थे। लेकिन एक एजेंसी के अलावा किसी ने यह दावा नहीं किया था कि भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा।

सर्वे एजेंसी ने दावा किया था कि एनडीए, 10 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में सफल होगी।

उस वक्त एग्जिट पोल में कांग्रेस को करीब 100 सीट मिलने का दावा किया गया था। लेकिन जब रिजल्ट आया तो कांग्रेस 44 पर सिमट गई। वहीं भाजपा को अनुमान से अधिक 282 और एनडीए को 336 सीटें मिलीं थीं। न्यूज 24-चाणक्य ने एनडीए को 340 मिलने का अनुमान लगाया था, जबकि यूपीए को 70 मिलने की भविष्यवाणी की थी।2019 के लोकसभा चुनावों में अधिकतर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हुए थे।

ज्यादातर एजेंसियों ने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी की थी। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर अधिकतर एग्जिट पोल के आंकड़े सही साबित हुए थे। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों में एनडीए को 543 में से 353 सीटें मिली थी। इसमें से भाजपा ने अकेले 303 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2019 में कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए केवल 91 सीटें जीतने में कामयाब हो पाया था। न्यूज 24-चाणक्य ने एनडीए को 350 मिलने का अनुमान लगाया था, जबकि यूपीए को 95 मिलने की भविष्यवाणी की थी।

लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण की वोटिंग शाम सात बजे समाप्त हो जाएगी।

वोटिंग खत्म होते ही एग्जिट पोल 2024 के परिणाम आना शुरू हो जाएंगे। लोकसभा चुनाव के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव हुए हैं। एग्जिट पोल, मतदान के बाद मतदान केंद्र से बाहर निकलते समय मतदाताओं द्वारा कही गई बातों पर आधारित पूर्वानुमान होते हैं। एक्सिस माई इंडिया, टुडेज चाणक्य, आईपीएसओएस, सीवोटर, सीएसडीएस जैसी एजेंसियां ​​एग्जिट पोल करती हैं।

Edited By- Sachin Lahudkar

‘ज्युबिली’ पर मराठी निर्देशक ने लगाया कथा की चोरी का आरोप…

एमेजॉन प्राइम वीडियो पे रिलीज हुई बहुचर्चित “ज्यूबिली” (Jubilee) सीरिज पे कथा की चोरी का आरोप मराठी निर्देशक नागनाथ खरात ने लगाया है और लीगल नोटिस भेजकर डैमेज के तौर पर ५ करोड़ और ओरिजनल स्टोरी के क्रेडिट की मांग की हैं। ज्यूबीली ये सीरिज विक्रमादित्य मोटवानी ( Vikramaditya Motewane ) ने निर्देशित किया हैं और उसे अतुल सभरवाल को लेखक का क्रेडिट दिया गया हैं । विक्रमादित्य मोटवाने Bollywood के जाने माने फिल्म निर्देशन हैं। Sacred Games जैसी सीरिज और उड़ान, लुटेरा जैसी फिल्में बनाई हैं।

कौन हैं नागनाथ खरात?

नागनाथ खरात एक इंडिपेंडेंट मराठी निर्देशक और कवि हैं। उनकी पहली शॉर्ट फिल्म दीसाड दिस ( Day After Day, 2016 ) को इंटरनेशनल अवॉर्ड मिले हैं। उनकी पहली फीचर फिल्म नागास्टाइल (Nagastyle, 2020) का वर्ल्ड प्रिमियर झेक रिपब्लिक में हुआ था। फिलहाल वो फिल्म अभी तक रिलीज नहीं हुई हैं। जब वो १९ साल के थे तब उनका पहला मराठी कविता संग्रह ” ” जांभूलाच्या कविता “ ( Around the Nature ) प्रकाशित हुआ था।


क्या हैं विवाद का कारण?


28 साल के मराठी निर्देशक नागनाथ खरात का कहना है कि उनकी “बरसात के दिन” इस कथा को चोरी करके ये सीरीज बनाई हुई हैं| जो की Screen Writes Association (SWA) में जनवरी २०१८ में कॉपीराइट किया हुआ था |
नागनाथ का कहना हैं कि २०१८ में हुई “सिनेस्तान इंडिया” की स्क्रीप राइटिंग स्पर्धा में उन्होंने हिस्सा लिया था| ( जिसका प्रमोशन फिल्म ऐक्टर अमीर खान ने भी किया था | ) इस कथा की चोरी यहां से होने की ज्यादा संभावना है|


क्या है “बरसात के दिन” और ” ज्यूबिलि” में समानता l


नागनाथ खरात का कहना हैं कि जुबिली की पूरी कहानी उनके कथा पर आधारित हैं| इतना ही नहीं Jubilee के एपीसोड पांच का नाम हैं ” बरसात की रात” ऐसा हैं| जो की ओरिजनल स्टोरी “बरसात के दिन” के बहुत साम्य दर्शाता हैं| एपोसोड २ का टाइटल “दोस्ती हैं और एपीसोड ९ “बेवफा” है, जो की ओरीजनल स्टोरी में इसका जिक्र हैं।


“बरसात के दिन” के मुख्य किरदार राहुल कुमार, रीना रॉय, अरमान कपूर, बेंजामिन पालकर है, वही ज्यूबिली के मुख्य किरदार मदन कुमार, श्रीकांत रॉय, जय खन्ना, ये हैं। बरसात के दिन का स्टोरी पीरियड 1960 का Bollywood है, वही ज्यूबिली का पीरियड 1947 किया गया हैं ।

“ज्यूबीली” और १९३० बॉलीवुड कनेक्शन…

image credit by-online

जब नागनाथ जी को ज्यूबीली बॉलीवुड की पुरानी घटना पर आधारित होने की खबरों पूछा तो उपवो बोले, “इंसिडेंट से कहानी नहीं बनती| Every Story has a Different soul | उनको मालूम था एक दिन ये भी दिन आएगा, इसलिये वो ऐसा बोल रहे हैं|
SWA से जताई नाराजगी l


नागनाथ खरात ने Screen Writers Association (SWA) से नाराजगी जताई हैं|

SWA को मेल करके उन्होंने, इस बात की जानकारी देकर मदत की मांग की थी| लेकिन वहां से उन्हे कोई सहायता मिली। SWA को नए रायटर्स की फिक्र नहीं ऐसा आरोप किया हैं|
आगे जाकर उन्होंने कहा, “विक्रमादित्य मोटवाने एक अच्छे निर्देशक हैं, लेकिन इस घटना की वजह से मैं नाराज हो गया हूं ।

Edited by; Sachin Lahudkar

आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 में नीदरलैंड्स ने बड़ा उलटफेर करते हुए साउथ अफ्रीका को 38 रन से हार का स्वाद चखाया। 

नीदरलैंड्स से मिले 246 रन के लक्ष्य के जवाब में साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 207 रन बनाकर सिमट गई। हालांकि विश्व कप में यह पहला मौका नहीं है जब नीदरलैंड्स ने किसी बड़ी टीम का खेल खराब किया होहालांकि, विश्व कप में यह पहला मौका नहीं है, जब नीदरलैंड्स ने किसी बड़ी टीम का खेल खराब किया हो।

विश्व कप क्वालिफायर में वो नीदरलैंड्स की टीम ही थी, जिसने वेस्टइंडीज को सुपर ओवर में हराते हुए कैरेबियाई टीम का वर्ल्ड कप खेलने का सपना चकनाचूर कर दिया था।साल 2009 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में  नीदरलैंड्स ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को पटखनी दी थी।

नीदरलैंड्स ने इंग्लिश टीम को 4 विकेट से हार का स्वाद चखाया था और वर्ल्ड क्रिकेट को अपने प्रदर्शन से हैरान कर डाला था।साल 2014 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में नीदरलैंड्स के दमदार प्रदर्शन का शिकार एकबार फिर इंग्लैंड की ही टीम बनी थी। इस बार नीदरलैंड्स ने इंग्लिश टीम को 45 रन से हराते हुए बड़ा उलटफेर कर डाला था।

आयरलैंड को चटाई थी धूल

2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप में नीदरलैंड्स ने धांसू प्रदर्शन करते हुए आयरलैंड को हैरान कर डाला था। रोमांचक मैच में नीदरलैंड्स ने आयरलैंड को 12 रन से हराते हुए टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

साउथ अफ्रीका को दी पटखनी

साउथ अफ्रीका को नीदरलैंड्स ने साल 2022 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में भी अपने प्रदर्शन से हैरान कर डाला था। इस मुकाबले को नीदरलैंड्स ने 13 रन से अपने नाम किया था। साउथ अफ्रीका की टीम नीदरलैंड्स के आगे चारों खाने चित हो गई थी।

वेस्टइंडीज का तोड़ा सपना

वर्ल्ड कप 2023 में अपना दमखम दिखाने की तैयारी कर रही वेस्टइंडीज को नीदरलैंड्स ने हराते हुए सबसे बड़ा उलटफेर कर डाला था। विश्व कप के क्वालिफायर मुकाबले में नीदरलैंड्स ने सुपर ओवर में कैरेबियाई टीम को हार का स्वाद चखाया था। इस हार के चलते ही वेस्टइंडीज की टीम पहली बार विश्व कप खेलने नहीं उतर सकी।

साउथ अफ्रीका को चौंकाया

वर्ल्ड कप 2023 में अपने शुरुआती दोनों मैच जीतकर बेहतरीन लय में दिखाई दे रही साउथ अफ्रीका की टीम नीदरलैंड्स के आगे चारों खाने चित हुई। नीदरलैंड्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्कोर बोर्ड पर 8 विकेट खोकर 245 रन लगाए। इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 207 रन बनाकर सिमट गई।

साउथ अफ्रीका की इस हार के बाद विश्व कप की प्वाइंट्स टेबल में बड़ा फेरबदल हुआ है।साउथ अफ्रीका को हराकर विश्व कप 2023 में नीदरलैंड्स की यह पहली जीत है। इतना ही नहीं, बल्कि नीदरलैंड्स ने 16 साल बाद वनडे में पहली जीत हासिल की है। इस मैच के बाद प्वाइंट्स टेबल में भी बड़ा फेरबदल हुआ है।

अगर साउथ अफ्रीका नीदरलैंड्स को हरा देता तो भारत के हाथों से विश्व कप प्वाइंट्स टेबल से पहला स्थान फिसल जाता और वह दूसरे स्थान पर पहुंच जाती। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।

वहीं, प्वाइंट्स टेबल में दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड है, जिन्होंने 3 मैचों में 6 प्वाइंट्स है। भारत और न्यूजीलैंड के बराबर 6-6 प्वॉइंट्स हैं, लेकिन बेहतर नेट रन रेट के चलते भारतीय टीम टॉप पर कॉबिज है।

तीसरे स्थान पर  साउथ अफ्रीका टीम 4 अंक के साथ मौजूद है, जिन्होंने नीदरलैंड्स के खिलाफ 38 रन से हार का सामना किया।

पाकिस्तान के 3 मैचों में 4 प्वॉइंट्स हैं। इंग्लैंड ने 3 मैच में से 2 मैच में हार का सामना किया है। इंग्लिश टीम इस वक्त पांचवें स्थान पर है। छठे और सातवें नंबर पर क्रमशः अफगानिस्तान और बांग्लादेश टीमें मौजूद है। विश्व कप 2023 में पहली जीत हासिल कर ऑस्ट्रेलिया आठवें नंबर पर है। जबकि 9वें नंबर पर नीदरलैंड्स टीम खिसक गई है, 10वें स्थान पर श्रीलंका टीम है, जिन्होंने अभी तक एक भी मैच में जीत हासिल नहीं की।

गणेश चतुर्थी का इतिहास मराठा साम्राज्य के सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा है I

Aajtakkhabar:

मान्यता है कि भारत में मुगल शासन के दौरान अपनी सनातन संस्कृति को बचाने हेतु छत्रपति शिवाजी ने अपनी माता जीजाबाई के साथ मिलकर गणेश चतुर्थी यानी गणेश महोत्सव की शुरुआत की थी Iछत्रपति शिवाजी द्वारा इस महोत्सव की शुरुआत करने के बाद मराठा साम्राज्य के बाकी पेशवा भी गणेश महोत्सव मनाने लगेI गणेश चतुर्थी के दौरान मराठा पेशवा ब्राह्मणों को भोजन कराते थे और साथ ही दान पुण्य भी करते थेI पेशवाओं के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में हिंदुओं के सभी पर्वों पर रोक लगा दी लेकिन फिर भी बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के महोत्सव को दोबारा मनाने की शुरूआत की इसके बाद 1892 में भाऊ साहब जावले द्वारा पहली गणेश मूर्ति की स्थापना की गई थीI

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक हैI वैसे तो देशभर में इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है लेकिन महाराष्ट्र, गोवा जैसे राज्यों में इसकी अलग ही धूम नजर आती हैI यहां कई दिनों पहले से बप्पा के आगमन की तैयारियां शुरू हो जाती हैंI अलग-अलग थीम के पंडाल तैयार किए जाते हैंI बप्पा की बड़ी-बड़ी मूर्तियां तैयार की जाती हैंI गणेश उत्सव के दौरान लोग इन मूर्तियों को देखने दूर-दूर से पहुंचते हैंI

भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में 10 दिनों का उत्सव मनाया जाता है जो गणेश चतुर्थी से शुरू होता हैI गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को घर लाया जाता है और 10 दिनों तक विधि विधान से उनकी पूजा करने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन उनका विसर्जन कर दिया जाता हैI इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगीI

भगवान गणेश को सौभाग्य, समृद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता हैI ऐसे में गणेश पूजन से घर में सुख समृद्धि का वास होता है. मान्यता ये भी है कि गणेश उत्सव के 10 दिनों तक भगवान गणेश पृथ्वी पर ही रहते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैंI ऐसे में भक्त भी बप्पा को प्रसन्न करने के लिए हर जतन करते हैंI महाराष्ट्र, गोवा और तेलंगाना आदि राज्यों में यह त्योहार काफी लोकप्रिय हैI इन राज्यों में गणपति जी के विशाल पंडाल लगते हैंI इस दिन सभी घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा का भव्य स्वागत किया जाता हैI साथ ही गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता हैI इस तिथि को व्रत रखने से व्रती को जीवन में सुख- समृद्धि और अनेक लाभ प्राप्त होते हैंI

गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना करने की मान्यता है और उसके 10 दिन बाद उनका विसर्जन किया जाता हैI कई लोग यह जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आखिर भगवान गणेश को इतनी श्रृद्धा के साथ लाने और पूजने के बाद उन्हें विसर्जित क्यों किया जाता हैI धर्म शास्त्रों के अनुसार इसके पीछे एक बेहद ही महत्वपूर्ण कथा छिपी हुई हैI

पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणपति जी से महाभारत की रचना को क्रमबद्ध करने की प्रार्थना कीथीI गणेश चतुर्थी के ही दिन व्यास जी श्लोक बोलते गए और गणेश जी उसे लिखित रूप में करते गएI 10 दिनों तक लगातार लेखन करने के बाद गणेश जी पर धूल-मिट्टी की परतें चढ़ गई थीI गणेश जी ने इस परत को साफ करने के लिए ही 10 वें दिन चतुर्थी पर सरस्वती नदी में स्नान किया था तभी से गणेश जी को विधि-विधान से विसर्जित करने की परंपरा हैI

भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती हैI पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान गणेश का जन्म ​भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ थाI गणेशोत्सव के दौरान सभी लोग बप्पा घरों में विराजमान होते हैं और 10 दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती हैI किसी भी नए काम की शुरूआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा हैI गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है जो आपके जीवन में आने वाले सभी दुख- दर्द को दूर करते हैंI गणेश उत्सव मनाने की परंपरा महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही हैI

Edited by :Sachin Lahudkar

देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं

 एक तरफ जहां मोदी सरकार का कहना है कि चुनाव के खर्च में कमी करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। वहीं, विपक्षी दलों का मानना है कि इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा।क्या वाकई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से देश को आर्थिक फायदा होगा? एक रिपोर्ट के जरिए इस सवाल का जवाब दिया गया है।पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक साथ कराने से ही चुनाव खर्च कम नहीं हो जाएगा, इसके लिए जरूरी है कि सारे चुनाव एक सप्ताह के अंदर कराए जाएं। अगर ऐसा होता है तो चुनाव पर आने वाले खर्च को घटा कर एक तिहाई किया जा सकता।

एक अध्ययन के अनुसार, स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा तक सारे चुनाव एक साथ कराने पर 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, लेकिन अगर सभी चुनाव एक हफ्ते के अंदर कराए जाएं तो ये खर्च घट कर तीन से पांच लाख करोड़ रुपये तक आ सकता है। पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर ₹10 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लोकसभा चुनाव 2024 पर ₹1.20 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है। 

विधानसभा सीटों पर खर्च 

देश में 4,500 विधानसभा सीटें है अगर साथ कराए जाए तो इस पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।

स्थानीय निकाय चुनाव पर खर्च 

देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायते हैं। 650 जिला परिषद, 7,000 मंडल, 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायत सीटों के चुनाव पर 4.30 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते है। देश में हैं 500 नगरपालिका हैं। सभी सीटो पर चुनाव एक साथ कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।मौजूदा तौर-तरीके, पोल पैनल कितना असरदार है और राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन, ये सभी चीजें खर्च घटाने में अहम भूमिका निभाएंगी।अध्ययन के मुताबिक, अगर चुनाव को कई चरणों मे न कराया जाए तो इससे चुनाव पर खर्च कम हो सकता है, क्योकि विज्ञापन और यात्राओं पर कम खर्च होगा।

Edited by; sachin lahudkar

G-20 शिखर सम्मेलन की सफलता से भारतीय शेयर बाजार का सबसे प्रमुख सूचकांक निफ्टी पहली बार 20 हजार अंक के पार पहुंच गया।

यह दिन भर 20 हजार के ऊपर बना रहा, हालांकि सत्र की समाप्ति पर मुनाफावसूली के चलते निफ्टी 20 हजार से नीचे आ गया। 19 हजार से 20 हजार का यह सफर निफ्टी ने 52 कारोबारी दिनों में पूरा किया। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार एक लंबे बुल रन से गुजर रहे हैं और यह अगले 5 से 10 साल ने भी आज के कारोबारी सत्र में 67000 का आंकड़ा पार किया और 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 67127.08 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 19996.35 अंक पर हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी ने 20008.15 अंक का अब तक उच्चतम स्तर छुआ। इरकॉन इंटरनेशनल 19.97 और आरवीएनएल 16.40 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स आज 67000 के पार बंद हुआ है।

 भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कोराबारी सत्र एतिहासिक रहा। बाजार के मुख्य सूचकांक में से एक निफ्टी ने 20000 के स्तर को छुआ। हालांकि, इस स्तर पर टिकने में कामयाब नहीं रहा। बाजार में आज करीब सभी सेक्टरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। सरकारी शेयरों खासकर रेलवे से जुड़े स्टॉक्स में सबसे ज्यादा तेजी दिखी और इरकॉन इंटरनेशनल 19.97 और आरवीएनएल 16.40 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स ने भी आज के कारोबारी सत्र में 67,000 का आंकड़ा पार किया और 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 67,127.08 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 0.89 प्रतिशत की तेजी

सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और लूजर्स

पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक,एसबीआई, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील,नेस्ले, एनटीपीसी, टीसीएस, विप्रो, जेएसडब्लू स्टील, रिलायंस, आईटीसी, एमएंडएम, एचयूएल, कोटक महिंद्रा, एशियन पेंट्स,आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, सन फार्मा, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा और इंडसइंड बैंक बढ़त के साथ बंद हुए। आज के सत्र में केवल बजाज फाइनेंस और एलएंडटी गिरावट के साथ बंद हुए।

विदेशी बाजारों का क्या है हाल?

एशिया  में मिला-जुला माहौल देखने को मिल रहा है। टोक्यो, हांगकांग और ताइपे के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए हैं। वहीं, सियोल और शंघाई के बाजार हरे निशान में बंद हुए हैं। अमेरिका के बाजार शुक्रवार के सत्र में हल्की बढ़त के साथ बंद हुए थे। कच्चे तेल की कीमत में हल्की गिरावट देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड का रेट 90.42 डॉलर प्रति बैरल है।

के साथ 19,996.35 अंक पर हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी ने 20,008.15 अंक का अब तक उच्चतम स्तर छुआ।

Edited by :sachin lahudkar